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संपादिका - अंकिता पंवार
सहसंपादक - सुधीर मौर्य 'सुधीर'































Friday 1 June 2012

जून २०१२-लेख- आलेख


विश्वास की ज्योति –निकिता बेदी


हमारे जीवन में जब भी हम कोई नया कार्य करने जाते है |
तब हम डरते है की शयाद हम इस में सफलता ना प्राप्त कर सके ?
लेकिन , हम यह भूल जाते है की जीवन में अगर हमे असफलता का सामना करना पढ़ेगा |
तभी , ,तो हम और सहनशील और साहसी बन पाएगे |
तो व्यक्ति को कभी भी म्हणत करने से डरना नहीं चाहिए |
बल्कि और ज़्यादा मजबूत होना चाहिए |
की अगर हमे इस कार्य में सफलता नहीं मिली तो शयाद दूसरे कार्य में मिल जाएगी |
और इसके लिए हमे अपने अन्दर विश्वास की उत्पत्ति करनी होगी ?
विश्वास से तो व्यक्ति पूरा संसार जित सकता है |
तो अगर आपके दिल में विश्वास है तो ही आप आगे जिंदगी में बढ़ सकते है |

मानव जीवन में हर व्यक्ति को जीने के लिए देखना ज़रूरी है |
पर , कुछ लोग ऐसे भी है जो देख ही नहीं सकते |
लेकिन , फिर भी वो अपने मन की आखो से अपनी दुनिया को देखते है |
हम इंसान अपनी आखो से भी duniya की खूबसूरती को नहीं परख पाते |
और वो लोग बिना देखे ही सब कुछ देख ले ते है |
अगर , लोग चाहे तो अपने जीवन में उजाला अपने कर्म से ला सकते है |

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